बिछड़ते दरख़्त से परिंदों की तरह माँ के न होने से हम भी डरते रहे बिछड़ते दरख़्त से परिंदों की तरह माँ के न होने से हम भी डरते रहे
बिल्ली नहीं अपशकुन से डरते हैं बिल्ली नहीं अपशकुन से डरते हैं
जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं। जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं।
शादी में मैं अपने घोड़ी पर बैठा था देखकर खुदको खुद ही हँसता था ! शादी में मैं अपने घोड़ी पर बैठा था देखकर खुदको खुद ही हँसता था !
फसाहत का बयां करता नहीं कोई, रहें हैं अब कहां भला आशिकाने उर्दू फसाहत का बयां करता नहीं कोई, रहें हैं अब कहां भला आशिकाने उर्दू
पहचानो तुम अपने उस ताकत को जिस ताकत से किरणों से लड़ते हो पहचानो तुम अपने उस ताकत को जिस ताकत से किरणों से लड़ते हो